जादूगर ओपी शर्मा का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। कानपुर के भैरोघाट में उनका अंतिम संस्कार किया। शनिवार रात करीब 11 बजे 71 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। वो कोरोना संक्रमित थे। लंबे समय से बीमार थे। कानपुर के फार्च्यून अस्पताल में भर्ती थे। डायलिसिस भी चल रहा था। ओपी शर्मा ने अपनी जादू की कला से देश-विदेश में बड़ा नाम कमाया। उन्होंने करीब 40 हजार शो किए। वह कहते थे-मैं रहूं या न रहूं जादू चलता रहेगा।
ओपी शर्मा ने राजनीति में भी किस्मत आजमाई, लेकिन सफलता नहीं मिली थी। उनका कहना था कि जिसकी शुरुआत होती है, उसका अंत भी होता है। ये प्रकृति का नियम है। शर्मा मूल रूप से बलिया के रहने वाले थे। उन्होंने कानपुर में अपने घर नाम भूत बंगला रखा था। ओपी शर्मा के निधन पर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है।
ओपी शर्मा कहते थे कि जिसे आप जादू समझते हैं वो जादू नहीं बल्कि विज्ञान का चमत्कार है। उन्होंने 2018 में अपने अंतिम शो में कहा था कि हर शो हाउसफुल के बाद भी जादुई दुनिया को विराम देना पड़ रहा है, तो इसके पीछे आगे के कार्यक्रम हैं। ये कार्यक्रम पहले से तय हो जाते हैं। यहीं कारण है कि चाह कर भी कार्यक्रम आगे नहीं बढ़ा पाता।
ओपी शर्मा कानपुर के मायानगरी एरिया के बादशाह बर्रा-2 इलाके में रहते थे। पिछले दिनों किडनी की बीमारी के कारण बीमार थे। शनिवार देर रात उनका निधन हो गया। पिछले करीब एक सप्ताह से उनका इलाज कल्याणपुर के नर्सिंग होम में चल रहा था। ओपी शर्मा का जादू इस कदर था कि समाजवादी पार्टी ने उन्हें गोविंदनगर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बना दिया था। ओपी शर्मा के परिवार में पत्नी मीनाक्षी हैं। उनके बड़े बेटे प्रेम प्रकाश शर्मा दिल्ली दूरदर्शन में काम करते हैं। वहीं, मंझले बेटे सत्य प्रकाश शर्मा ने खुद को ओपी शर्मा जूनियर के रूप में स्थापित किया है। तीसरा बेटा पंकज प्रकाश शर्मा प्रिंटिंग प्रेस में काम करता है। सबसे छोटी बेटी रेनू शर्मा यूएसए में रहती हैं।
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